हिन्दू धर्म में करवा चौथ ( Karwa Chauth 2024 ) का महत्व, व्रत, कथा, पूजा विधि

करवा चौथ ( Karwa Chauth 2024 ) का महत्व (Karwa Chauth importance)

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करवा चौथ हिंदू धर्म का एक प्रमुख व्रत है, जिसे मुख्य रूप से उत्तर भारत, विशेषकर राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में महिलाएं मनाती हैं। यह व्रत पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखा जाता है। करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि (चौथ) को मनाया जाता है, जो अमूमन अक्टूबर या नवंबर में आती है।

इस दिन, सुहागन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी (व्रत के लिए भोजन) खाकर दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। वे चंद्रमा के उदय होने तक बिना पानी और भोजन के रहती हैं। चंद्रमा के दर्शन और पूजा करने के बाद ही महिलाएं व्रत तोड़ती हैं। पूजा के समय महिलाएं करवा (मिट्टी का पात्र) और दीया जलाकर भगवान गणेश, शिव-पार्वती और चंद्रमा की पूजा करती हैं।

इस व्रत में करवा (मिट्टी का बर्तन) और कथा सुनने का भी विशेष महत्व होता है।

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Karwa Chauth 2024 date

करवा चौथ 2024, 20 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा।

Karwa Chauth moonrise time 2024

करवा चौथ पर चांद निकलने का समय 20 अक्टूबर को रात 07 बजकर 54 मिनट पर बताया जा रहा है. हालांकि, देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों में चांद दिखने का समय इससे थोड़ा अलग हो सकता है. अपने शहर के हिसाब से चांद निकलने का सही समय एक बार जरूर देख लें.

करवा चौथ व्रत कैसे करें (Karwa Chauth Vrat Kaise Kare in Hindi)

करवा चौथ का व्रत भारतीय सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। (Karwa Chauth vrat vidhi in Hindi)यह व्रत मुख्य रूप से निर्जला (बिना पानी के) रखा जाता है, और इसमें पूजा-पाठ और चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। यहां करवा चौथ व्रत करने की पूरी विधि दी गई है:

1. सरगी का सेवन (सूर्योदय से पहले):

  • व्रत की शुरुआत सरगी से होती है, जिसे सूर्योदय से पहले खाया जाता है। सरगी सास द्वारा दी जाती है, जिसमें पौष्टिक और ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थ होते हैं जैसे सूखे मेवे, फल, मिठाई, दही, पनीर, पूरी, सब्जी, और हलवा।
  • सरगी खाने के बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं और दिनभर कुछ नहीं खातीं और पानी भी नहीं पीतीं (निर्जला व्रत)।

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हिन्दू धर्म में करवा चौथ ( Karwa Chauth 2024 ) का महत्व, व्रत, कथा, पूजा विधि

2. पूरे दिन व्रत रखना:

  • सरगी के बाद महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत करती हैं। इस दौरान भोजन या पानी का सेवन नहीं किया जाता।
  • व्रत के समय महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, और चंद्रमा की पूजा करती हैं।
  • व्रत के दौरान संयम और धैर्य बनाए रखें और सकारात्मक सोच रखें। आप पूजा की तैयारी, ध्यान, और कथा सुनने में समय बिता सकती हैं।

3. शाम को पूजा की तैयारी:

  • संध्या समय जब चंद्रमा निकलने वाला होता है, तब पूजा की तैयारी शुरू होती है। इसके लिए एक साफ और पवित्र स्थान पर चौकी रखकर भगवान शिव, माता पार्वती, और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • करवा (मिट्टी का छोटा घड़ा) में जल भरकर रखें, जो पूजा के दौरान विशेष रूप से इस्तेमाल होता है।
  • पूजा की थाली में चावल, रोली, दीपक, फल, मिठाई, और पानी का लोटा रखें।

4. करवा चौथ की व्रत कथा सुनना:

  • पूजा के समय सभी महिलाएं एकत्र होकर करवा चौथ की व्रत कथा सुनती हैं। यह कथा सुनने से व्रत का महत्व और पुण्य बढ़ता है।
  • कथा के बाद भगवान की आरती की जाती है।

5. चंद्रमा को अर्घ्य देना:

  • जब चंद्रमा निकलता है, तो महिलाएं छलनी से पहले चंद्रमा को देखती हैं और फिर अपने पति के दर्शन करती हैं।
  • चंद्रमा को जल अर्पण (अर्घ्य) करने के बाद पति अपनी पत्नी को जल पिलाकर व्रत तुड़वाता है।

6. व्रत खोलना:

  • चंद्रमा को अर्घ्य देने और पति द्वारा जल पिलाने के बाद व्रत का समापन होता है।
  • इसके बाद महिलाएं हल्का भोजन करती हैं, जैसे खिचड़ी, फल या मिठाई।

7. सात्विक भोजन:

  • व्रत खोलने के बाद सात्विक और हल्का भोजन करना चाहिए। ज्यादा तैलीय या मसालेदार भोजन से बचें, क्योंकि इससे पाचन में समस्या हो सकती है।

करवा चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। इस व्रत के जरिए महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

करवा चौथ पूजा विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi in Hindi)

करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और शाम को विधिपूर्वक पूजा करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। यहां करवा चौथ की पूजा विधि दी गई है:

1. सरगी खाना (सुबह की तैयारी):

  • सरगी सूर्योदय से पहले खाई जाती है, जो सास द्वारा बहू को दी जाती है। इसमें फल, मिठाई, सूखे मेवे, पूरी, सब्जी, और मिठाई जैसे पदार्थ होते हैं।
  • सरगी के बाद महिलाएं दिनभर निर्जला (बिना पानी के) व्रत करती हैं।

2. व्रत की शुरुआत:

  • सरगी खाने के बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं और भगवान से इस व्रत को सही तरीके से पूरा करने की प्रार्थना करती हैं।
  • व्रत के दौरान महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती, और भगवान गणेश की पूजा करती हैं।

3. संध्या पूजा की तैयारी:

  • शाम के समय करवा चौथ की पूजा के लिए एक साफ स्थान को चुनें और वहां चौकी पर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • करवा (मिट्टी का छोटा घड़ा) में पानी भरें और उसके ऊपर एक ढक्कन रखें। इस करवा का पूजा में विशेष महत्व होता है।
  • पूजा के लिए थाली में चावल, रोली, फूल, दीपक और मिठाई रखें।

4. करवा चौथ व्रत कथा सुनना:

  • पूजा के समय महिलाएं एकत्र होकर करवा चौथ की कथा सुनती हैं। व्रत कथा सुनने से इस व्रत का महत्व और पुण्य बढ़ता है।
  • कथा सुनने के बाद भगवान की आरती की जाती है।

5. चंद्रमा को अर्घ्य देना:

  • चंद्रमा के उदय के समय महिलाएं छलनी से चंद्रमा को देखती हैं। पहले चंद्रमा को जल अर्पण (अर्घ्य) किया जाता है, फिर पति के हाथों से जल पीकर और भोजन ग्रहण कर व्रत का समापन किया जाता है।
  • पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर व्रत खुलवाता है और फिर पत्नी भोजन करती है।

6. व्रत समापन:

  • पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपने परिवार के साथ भोजन करती हैं और व्रत पूर्ण करती हैं।

इस व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति से किया जाता है, और इसका महत्व पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है।

करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi)

करवा चौथ की व्रत कथा (Karwa Chauth vrat story) का विशेष महत्व है। यह कथा व्रत के दौरान सुनाई जाती है और इसे सुनने से व्रती महिलाओं को व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। करवा चौथ की मुख्य कथा इस प्रकार है:


प्राचीन समय की बात है। एक साहूकार के सात बेटे और एक बेटी थी, जिसका नाम वीरावती था। वह अपने भाइयों की इकलौती और बहुत प्यारी बहन थी। जब वीरावती का विवाह हो गया, तो उसने करवा चौथ का व्रत रखा।

दिनभर निर्जला व्रत करने के बाद वीरावती को बहुत भूख और प्यास लगी, जिससे वह कमजोर महसूस करने लगी। उसकी हालत देखकर उसके सातों भाई उसे बहुत परेशान देखकर सोच में पड़ गए। उन्होंने सोचा कि अगर बहन ने भोजन नहीं किया तो वह बीमार पड़ जाएगी।

भाइयों ने अपनी बहन को व्रत तुड़वाने के लिए एक योजना बनाई। उन्होंने एक पेड़ के पीछे आग जलाकर छलनी से उस आग को दिखाया, ताकि वह चंद्रमा की रोशनी जैसा लगे। फिर वे अपनी बहन के पास गए और कहा, “बहन, देखो चंद्रमा निकल आया है, अब तुम अपना व्रत खोल सकती हो।”

भाइयों की बात सुनकर वीरावती ने चंद्रमा समझकर पूजा की और भोजन कर लिया। लेकिन जैसे ही उसने पहला कौर मुंह में डाला, उसके पति की मृत्यु हो गई।

वीरावती को यह सुनकर बहुत दुख हुआ और वह भगवान से प्रार्थना करने लगी। उसी समय माता पार्वती उसके सामने प्रकट हुईं और वीरावती को बताया कि उसके भाइयों ने धोखे से उसे व्रत तुड़वा दिया था, जिसके कारण यह अनहोनी हुई। माता पार्वती ने उसे करवा चौथ व्रत के पुनः पालन की सलाह दी और कहा कि अब वह पुनः पूरे विधि-विधान से व्रत करे।

वीरावती ने पूरे नियम से करवा चौथ का व्रत फिर से किया और उसकी तपस्या के प्रभाव से उसका पति पुनः जीवित हो गया। इस प्रकार, करवा चौथ के व्रत का महत्व यह है कि यह पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।


इस कथा को सुनने और विधिपूर्वक पूजा करने से व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है, और पति की दीर्घायु और समृद्धि की कामना पूरी होती है।

करवा चौथ सरगी आइडियाज (Karwa Chauth Sargi Ideas in Hindi)

सरगी (Karwa Chauth sargi items) करवा चौथ के व्रत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे महिलाएं सूर्योदय से पहले खाती हैं। यह भोजन सास द्वारा बहू को दिया जाता है, जिसमें पौष्टिक और ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थ होते हैं ताकि दिनभर के निर्जला व्रत को आसानी से निभाया जा सके। यहां कुछ सरगी आइडियाज दिए गए हैं, जो करवा चौथ के व्रत के लिए आदर्श हैं:

1. सूखे मेवे (Dry Fruits):

  • बादाम, काजू, अखरोट, पिस्ता, किशमिश, और खजूर जैसे सूखे मेवे ऊर्जा और पोषण के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं। ये शरीर को दिनभर के व्रत के दौरान ताकत देते हैं।

2. फ्रूट सलाद (Fruit Salad):

  • ताजे फल जैसे सेब, केला, अनार, पपीता, और अंगूर का सेवन पेट को हल्का और पोषण से भरपूर रखता है। ये फल प्यास को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं।

3. दही और पनीर:

  • दही या पनीर का सेवन पेट को ठंडक पहुंचाता है और यह प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है। यह दिनभर भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है।

4. मेथी पराठा या पूरी:

  • आप सरगी में मेथी पराठा या पूरी शामिल कर सकती हैं। ये पेट को भरा हुआ महसूस कराते हैं और स्वादिष्ट भी होते हैं। इन्हें किसी हल्की सब्जी या अचार के साथ खाया जा सकता है।

5. मिठाई (Sweets):

  • हलवा, लड्डू, काजू कतली, या बर्फी जैसी मिठाइयाँ भी सरगी में शामिल की जा सकती हैं। ये शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करती हैं।

6. नारियल पानी या जूस:

  • नारियल पानी या ताजे फलों का जूस शरीर को हाइड्रेट रखता है और आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।

7. मखाने:

  • मखाने एक अच्छा स्नैक विकल्प हैं, जिन्हें घी में भूनकर या हल्के मसालों के साथ खाया जा सकता है। यह हल्का और पौष्टिक होता है।

8. सेवइयाँ या उपमा:

  • दूध और सूखे मेवों से बनी मीठी सेवइयाँ या उपमा एक स्वादिष्ट और ऊर्जा से भरपूर विकल्प हैं। इन्हें आसानी से पचाया जा सकता है और दिनभर एनर्जी बनाए रखने में मदद करती हैं।

9. हरी सब्जियाँ और सलाद:

  • हरी सब्जियों का सलाद, जैसे खीरा, गाजर, और टमाटर, पेट को हल्का रखता है और आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स प्रदान करता है।

10. दूध या बादाम दूध:

  • सरगी में एक गिलास दूध या बादाम दूध पीना भी बहुत लाभकारी होता है। यह दिनभर हाइड्रेटेड और एनर्जेटिक बने रहने में मदद करता है।

सरगी के समय यह ध्यान रखें कि आप अपने शरीर की जरूरतों के अनुसार संतुलित और पौष्टिक भोजन करें। यह भोजन आपके दिनभर के व्रत को सहजता से निभाने में मदद करेगा।

करवा चौथ व्रत के नियम (Karwa Chauth Vrat Rules in Hindi)

करवा चौथ का व्रत भारतीय सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो वे अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस व्रत में कई नियमों का पालन किया जाता है ताकि व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त हो सके। यहां करवा चौथ व्रत के मुख्य नियम दिए गए हैं:

1. सरगी खाना:

  • व्रत रखने वाली महिलाएं सूर्योदय से पहले अपनी सास द्वारा दी गई सरगी खाती हैं। सरगी में पौष्टिक और ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं।
  • सरगी खाने के बाद महिलाएं दिनभर कुछ नहीं खातीं और पानी भी नहीं पीतीं (निर्जला व्रत)।

2. निर्जला व्रत रखना:

  • करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है, यानी दिनभर व्रतधारी महिलाएं न तो पानी पीती हैं और न ही कुछ खाती हैं।
  • अगर स्वास्थ्य कारणों से निर्जला व्रत नहीं रखा जा सकता, तो कुछ महिलाएं जल पीकर या फलाहार के साथ व्रत करती हैं।

3. सोलह श्रृंगार करना:

  • करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए सोलह श्रृंगार करती हैं। इसमें माथे पर बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर, पायल, मंगलसूत्र आदि पहनना शामिल होता है।

4. पूजा की तैयारी:

  • शाम के समय महिलाएं करवा चौथ की पूजा के लिए करवा (मिट्टी का बर्तन), जल, दीपक, फूल, रोली, चावल आदि पूजा सामग्री तैयार करती हैं।
  • पूजा के दौरान महिलाएं करवा चौथ व्रत कथा सुनती हैं और देवी-देवताओं की पूजा करती हैं, विशेषकर भगवान शिव, माता पार्वती, और भगवान गणेश की।

5. करवा चौथ व्रत कथा सुनना:

  • पूजा के दौरान व्रतधारी महिलाएं करवा चौथ की कथा अवश्य सुनती हैं। यह कथा व्रत का अभिन्न अंग है और इसे सुनने से व्रत का फल मिलता है।

6. चंद्रमा को अर्घ्य देना:

  • चंद्रमा के उदय होने के बाद महिलाएं छलनी के माध्यम से चंद्रमा को देखती हैं और चंद्रमा को जल अर्पण (अर्घ्य) करती हैं।
  • इसके बाद महिलाएं चंद्रमा को देखकर अपने पति के दर्शन करती हैं और उनके हाथ से पानी पीकर व्रत का समापन करती हैं।

7. पति द्वारा व्रत तुड़वाना:

  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति अपनी पत्नी को जल पिलाकर व्रत तुड़वाता है। इसके बाद महिलाएं भोजन करती हैं।

8. सात्विक भोजन करना:

  • व्रत खोलने के बाद महिलाएं सात्विक और हल्का भोजन करती हैं। कोशिश करें कि तामसिक (मसालेदार या भारी) भोजन से बचें।

9. सत्यनिष्ठा और संयम:

  • करवा चौथ के व्रत को पूरी श्रद्धा, भक्ति और संयम के साथ करना चाहिए। इस दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए और केवल सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।

करवा चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ किया जाता है। इन नियमों का पालन करने से व्रतधारी महिलाओं को संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है, और उनका व्रत सफल माना जाता है।

करवा चौथ व्रत के लिए उपवास के टिप्स (Karwa Chauth Fasting Tips in Hindi)

करवा चौथ का व्रत निर्जला (बिना पानी के) रखा जाता है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए, इस व्रत को आराम से पूरा करने और खुद को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यहां कुछ उपयोगी करवा चौथ उपवास के टिप्स दिए गए हैं:

1. सरगी का महत्व:

  • पौष्टिक भोजन करें: सरगी में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जो आपको दिनभर ऊर्जा और पोषण प्रदान करें। जैसे कि सूखे मेवे, ताजे फल, दही, मेथी पराठा, पनीर और दूध। इससे आपका शरीर लंबे समय तक भूख और प्यास सहन कर सकेगा।
  • ज्यादा तैलीय और मसालेदार चीजों से बचें: सरगी में तैलीय और भारी भोजन खाने से दिन में प्यास और भारीपन महसूस हो सकता है, इसलिए हल्के और पौष्टिक विकल्प चुनें।

2. हाइड्रेटेड रहें:

  • सरगी के समय ज्यादा से ज्यादा पानी, नारियल पानी, या जूस पिएं ताकि आपके शरीर में दिनभर पानी की कमी न हो। इससे प्यास कम लगेगी और शरीर हाइड्रेट रहेगा।

3. आराम करें:

  • व्रत के दिन ज्यादा शारीरिक मेहनत या भारी काम करने से बचें। अपने शरीर को आराम दें ताकि एनर्जी बची रहे और आप कमजोर महसूस न करें।

4. ध्यान और प्रार्थना करें:

  • मानसिक शांति और धैर्य बनाए रखने के लिए दिनभर ध्यान, प्रार्थना या किसी मनपसंद हल्के काम में व्यस्त रहें। इससे समय भी जल्दी बीतेगा और मन भी शांत रहेगा।

5. व्यस्त रहें:

  • ज्यादा भूख और प्यास महसूस न हो, इसके लिए खुद को व्यस्त रखें। आप पूजा की तैयारी, सजने-संवरने, मेहंदी लगाने, या कथा सुनने जैसे काम कर सकती हैं।

6. भोजन के बाद क्या खाएं:

  • व्रत खोलने के बाद हल्का और संतुलित भोजन करें। ज्यादा तैलीय या भारी भोजन न लें क्योंकि इससे पेट में असहजता हो सकती है।
  • धीरे-धीरे पानी पिएं और हल्का भोजन जैसे खिचड़ी, दलिया, या फल खाएं ताकि आपका पाचन तंत्र आराम से काम कर सके।

7. व्रत खोलने के बाद ध्यान रखें:

  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद सबसे पहले पानी या दूध पिएं और फिर कुछ हल्का खाएं। इससे आपकी ऊर्जा तुरंत बहाल हो जाएगी और आप बेहतर महसूस करेंगी।

8. स्वास्थ्य का ध्यान रखें:

  • अगर आपको किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या है जैसे कि मधुमेह, गर्भावस्था, या अन्य कोई शारीरिक समस्या, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही व्रत रखें। आप फलाहार या पानी पीकर भी व्रत कर सकती हैं।

9. भक्ति और सकारात्मक सोच बनाए रखें:

  • करवा चौथ का व्रत मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, इसलिए दिनभर भक्ति और सकारात्मक विचारों में खुद को व्यस्त रखें। यह आपके व्रत को सफल और संतुलित बनाए रखेगा।

इन टिप्स का पालन करने से आप करवा चौथ के दिन सहजता से व्रत कर सकती हैं और अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रख सकती हैं।

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