Republic Day in Hindi : 26 जनवरी अर्थात गणतंत्र दिवस( Republic Day ) का दिन हर भारतीय के लिए खास होता है | क्योकि यह हमारा राष्ट्रिय पर्व है |राष्ट्रिय पर्व मतलब पुरे देश का त्यौहार अर्थात ऐसा त्यौहार जिसे सभी मानते है फिर चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लिम या फिर हो सिख-ईसाई हर भारतीय इसे दिल से मानता है |
यह तो आप सभी जानते है की 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते है |लेकिन क्या आप जानते है की हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते है? गणतंत्र दिवस का मतलब क्या होता है? आखिर क्या हुआ था इस दिन? क्यों खास है गणतन्त्र दिवस हमारे लिए? गणतंत्र दिवस का क्या महत्व है हमारे लिए ?
आज यही सब जानकारी हम आपके लिए लेकर आये है | और साथ ही इसके बारे में बहुत सारी रोचक जानकारी भी हम आपको देने वाले है |
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हमारे राष्ट्रीय पर्व कौन कौनसे है?
Table of Content
- 1 हमारे राष्ट्रीय पर्व कौन कौनसे है?
- 2 Happy Republic Day in Hindi | गणतन्त्र दिवस का महत्व एवं रोचक तथ्य
- 3 गणतंत्र दिवस का मतलब क्या होता है?
- 4 गणतन्त्र दिवस के बारे में रोचक तथ्य
- 5 गणतन्त्र दिवस का महत्व
- 6 गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
- 7 संविधान सभा का गठन
- 8 संविधान सभा की समितियां और उनके अध्यक्ष
- 9 अब तक की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अथितियों की सूचि
- 10 हमारा राष्ट्रगान
- 11 राष्ट्रगान जन गण मन का अर्थ
- 12 राष्ट्रगान गाने के नियम
- 13 Happy Republic Day शायरी
- 14 Happy Republic Day Shayari
- 15 गणतंत्र दिवस से सम्बन्धित कुछ प्रश्न और उनके उत्तर
- 15.1 पहली बार गणतंत्र दिवस कब मनाया गया
- 15.2 हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते है?
- 15.3 गणतंत्र दिवस का मतलब क्या होता है?
- 15.4 गणतंत्र दिवस पर झंडा कौन पहराता है?
- 15.5 आजादी से पहले 26 जनवरी को किस रूप में मनाया जाता था ?
- 15.6 गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
- 15.7 गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2022 के मुख्य अतिथि कौन हैं ?
- 15.8 2022 में हम कौन सा गणतंत्र दिवस मना रहे हैं?
- 15.9 Share this:
- 15.10 Related
भारत सरकार द्वारा घोषित हमारे 3 राष्ट्रीय पर्व है जो निम्न लिखित है:-
- गणतन्त्र दिवस ( Republic Day )
- स्वतन्त्रता दिवस ( Independence Day )
- गाँधी जयन्ती ( Gandhi Jayanti )
Happy Republic Day in Hindi | गणतन्त्र दिवस का महत्व एवं रोचक तथ्य
गणतंत्र दिवस का मतलब क्या होता है?
गणतंत्र दिवस हमारा राष्टीय त्यौहार है| गणतंत्र मतलब “गण ( लोग ) का तंत्र” अर्थात लोकतंत्र | 26 जनवरी 1950 भारत का संविधान लागू करके भारत को अंग्रेजो के कानूनों से मुक्ति दिलाकर भारत को एक लोकतांत्रिक देश घोषित किया गया |
गणतन्त्र दिवस के बारे में रोचक तथ्य
26 जनवरी अर्थात गणतन्त्र दिवस (गणतंत्र दिवस) हमारा राष्ट्रीय पर्व है | 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागु हुआ था | इसलिए 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मानते है|
इस दिन हमारी राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जाता है |
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण किया जाता है फिर खड़े होकर राष्ट्रगान गया जाता है उसके बाद राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को सलामी दी जाती है |इस दिवस को पुरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है ? तथा भारत को आजाद करने में अपने प्राणों की आहुतियाँ देने वाले समस्त वीरो को श्रध्दांजलि दी जाती है | और उनको याद किया जाता है |
इस अवसर पर हर साल राजधानी दिल्ली में राजपथ पर एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक आयोजित की जाती है।परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है।
क्या आप जानते है : 1.गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर तिरंगा हमारे राष्ट्रपति द्वारा पहराया जाता है जबकि स्वतंत्रता दिवस पर झन्डा हमारे देश के प्रधानमत्री पहराते है |
2. आजादी से पहले 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था उसके बाद आजादी के वास्तविक दिन अर्थात 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में अपनाया गया |
गणतन्त्र दिवस का महत्व
हमारा भारत देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हो गया था | लेकिन हमारे देश को स्वतन्त्र देश बनाने के लिए जरुरत थी कानून की क्योकि स्वतंत्रता से पहले भी कानून तो था लेकिन वो अंग्रेजो का बनाया हुआ क़ानून था जिसे बदलना जरुरी था |
इस लिए भारत देश को स्वतंत्र गणराज्य बनाने के लिए कानून (भारत का संविधान) बनाया जाने लगा और जब यह बनकर तैयार हुआ तो 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे पुरे भारत में लागू कर दिया गया |
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। इस दिन हमारे देश का संविधान लागू किया गया और इस दिन से ही गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी के दिन मनाया जाने लगा |
आजादी से पहले 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था उसके बाद आजादी के वास्तविक दिन अर्थात 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में अपनाया गया |
भारत के स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा का गठन हुआ जिसने भारत के संविधान का निर्माण किया |
संविधान सभा का गठन
- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 6 दिसम्बर 1946 संविधान सभा की स्थापना हुई |
- जिसने 9 दिसम्बर 1947 से भारत का संविधान बनाना शुरू किया |
- जो 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन बाद 24 नवम्बर 1949 को बनकर पूर्ण हुआ |
- 26 नवम्बर 1949 को प्रारूप समिति ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ( संविधान सभा अध्यक्ष ) को संविधान सोंपा |
- इसलिए 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है |
- संविधान निर्माण के बाद 24 नवम्बर 1949 को संविधान सभा को भंग कर दिया गया |
- 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया |
- 26 जनवरी 1950 का दिन :- इस दिन हमारे देश का पहला गणतन्त्र दिवस मनाया गया|
- संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं द्वारा चुने गए सदस्य थे |
संविधान सभा के सदस्यों में सरदार वल्लभ भाई पटेल, पण्डित जवाहरलाल नेहरू, डॉ० भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे |
संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयाँ थी जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टींग कमेटी) सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण ‘संविधान लिखना’ या ‘निर्माण करना’ था।
प्रारूप समिति ( निर्मात्री समिति ) के अध्यक्ष बाबासाहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर थे |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा अध्यक्ष थे |
संविधान सभा के प्रथम सभापति सच्चिदानन्द सिन्हा थे |
किन्तु बाद में डॉ राजेन्द्र प्रसाद को सभापति निर्वाचित किया गया।
बी एन राव संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार थे |
हरेन्द्र कुमार मुखर्जी और वी टी कृष्णम चारी संविधान सभा के उपाध्यक्ष थे |
संविधान निर्माण के दौरान संविधान सभा की कुल 114 बैठके हुई थी तब जाकर भारत के संविधान को रूप मिला था |
संविधान सभा की समितियां और उनके अध्यक्ष
क्र.संख्या | समिति | अध्यक्ष |
---|---|---|
1 | मसौदा समिति ( प्रारूप समिति ) | बाबासाहेब आंबेडकर |
2 | केन्द्रीय ऊर्जा समिति | जवाहरलाल नेहरू |
3 | केन्द्रीय घटना समिति | जवाहरलाल नेहरू |
4 | प्रान्तीय घटना समिति | वल्लभभाई पटेल |
5 | मुलभूत अधिकार, अल्पसंख्यक, आदिवासी और अपवर्जित क्षेत्रों की सलाहकार समिति | वल्लभभाई पटेल |
5.1 | मूलभूत अधिकार उपसमिति | जे॰ बी॰ कृपलानी |
5.2 | अल्पसंख्यक उपसमिति | हरेन्द्र कुमार मुखर्जी |
5.3 | उत्तर-पूर्व सीमान्त आदिवासी क्षेत्र उप-समिति | गोपीनाथ बोरदोलोई |
5.4 | बहिष्कृत और आंशिक रूप से बहिष्कृत क्षेत्र उप-समिति | ठक्कर बापा |
6 | प्रक्रिया समिति के नियम | राजेंद्र प्रसाद |
7 | राज्य समिति | जवाहरलाल नेहरू |
8 | सुकाणू समिति | राजेंद्र प्रसाद |
9 | राष्ट्रीय ध्वज तदर्थ समिति | राजेंद्र प्रसाद |
10 | संघटन कार्य समिति | गणेश वासुदेव मावलणकर |
11 | सभा समिति | पट्टाभि सीतारमैया |
12 | भाषा समिति | मोटूरि सत्यनारायण |
13 | व्यवसाय समिति | कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी |
14 | राज्य समिति | गणेश वासुदेव मावलंकर |
अब तक की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अथितियों की सूचि
वर्ष | पद और मुख्य अतिथि का नाम | सम्बंधित देश |
2021 | – | – |
2020 | राष्ट्रपति, जेयर बोल्सोनारो | ब्राजील |
2019 | राष्ट्रपति, सिरिल रामाफोसा | दक्षिण अफ्रीका |
2018 | सभी दस आसियान देशों के प्रमुख | ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम |
2017 | क्राउन प्रिंस, मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान | अबु धाबी |
2016 | राष्ट्रपति, फ्रांस्वा ओलांद, राष्ट्रपति, मैत्रीपाल सिरिसेन | फ्राँस , श्रीलंका |
2015 | राष्ट्रपति, बराक ओबामा | यूएसए |
2014 | प्रधानमंत्री, शिंजो अबे | जापान |
2013 | राजा, जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक | भूटान |
2012 | प्रधानमंत्री, यिंगलक चिनावाट | थाईलैंड |
2011 | राष्ट्रपति, सुसीलो बाम्बांग युद्धोयोनो | इंडोनेशिया |
2010 | राष्ट्रपति, ली म्यूंग बक | कोरिया गणराज्य |
2009 | राष्ट्रपति, नूर्सुल्तान नाज़र्बायव | कज़ाकिस्तान |
2008 | राष्ट्रपति, निकोलस सरकोजी | फ्रांस |
2007 | राष्ट्रपति, व्लादिमीर पुतिन | रुस |
2006 | राजा, शाह अब्दुल्ला | सउदी अरबसऊदी अरब के राजा |
2005 | राजा, जिग्मे सिंगये वांगचुक | भूटान |
2004 | राष्ट्पति, लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा | ब्राजील |
2003 | राष्ट्पति, मोहम्मद ख़ातमी | इरान |
2002 | राष्ट्पति, कसम उतेम | मॉरीशस |
2001 | राष्ट्पति, अब्देलाज़िज बुटेफ्लिका | अलजीरीया |
2000 | राष्ट्पति, ऑल्यूसगुन ओबसांजो | नाइजीरिया |
1999 | राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव | नेपाल |
1998 | राष्ट्रपति, ज़्याक शिराक | फ्रांस |
1997 | प्रधानमंत्री, बसदेव पाण्डे | त्रिनीनाद और टोबैगो |
1996 | राष्ट्रपति, लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा | ब्राजील |
1995 | राष्ट्रपति, नेल्सन मंडेला | दक्षिण अफ्रिका |
1994 | प्रधानमंत्री, गोह चोक टोंग | सिंगापुर |
1993 | प्रधानमंत्री, जॉन मेजर | यूके |
1992 | राष्ट्रपति, मेरियो सोरेस | पुर्तगाल |
1991 | राष्ट्रपति, मॉमून अब्दुल गय्यूम | मालदीव |
1990 | प्रधानमंत्री, अनिरुद्ध जगन्नाथ | मॉरीशस |
1989 | नगुय वं लनं | वियतनाम |
1988 | राष्ट्रपति, जूनिअस रिचर्ड जयवर्धने | श्रीलंका |
1987 | राष्ट्रपति, एलन गार्सिया , राष्ट्रपति ,रॉबर्ट मुगाबे | पेरु , जिम्बाब्वे |
1986 | प्रधानमंत्री, एँड्रियास पपनड्रीयु | ग्रीस |
1985 | राष्ट्रपति, राउल अल्फोंसिन | अर्जेन्टीना |
1984 | राजा जिग्मे सिंगये वांगचुक , इंडोनेशियाई सेना के चीफ ऑफ स्टाफ , जनरल रुदिनी | भूटान , इंडोनेशिया |
1983 | राष्ट्रपति, सेहु शगारी | नाइजीरिया |
1982 | राजा, जॉन कार्लोस प्रथम | स्पेन |
1981 | राष्ट्रपति, जोस लोपेज़ पोर्टिलो | मेक्सिको |
1980 | राष्ट्रपति, वैलेरी गिसकर्ड डी ‘ईस्टांग | फ्रांस |
1979 | प्रधानमंत्री, मैल्कम फ्रेजर | ऑस्ट्रेलिया |
1978 | राष्ट्रपति, पैट्रिक हिलरी | ऑयरलौंड |
1977 | प्रथम सचिव, एडवर्ड गिरेक | पौलैण्ड |
1976 | प्रधानमंत्री, ज़्याक शिराक | फ्रांस |
1975 | राष्ट्रपति, केनेथ कौंडा | जांबिया |
1974 | राष्ट्रपति, जोसिप ब्रौज टीटो | यूगोस्लाविया |
प्रधानमंत्री, सिरिमावो बन्दरानाइक | श्रीलंका | |
1973 | राष्ट्रपति, कर्नल जॉसेफ़ मोबूतो | जैरे |
1972 | प्रधानमंत्री, शिवसागर रामगुलाम | मॉरीशस |
1971 | राष्ट्रपति, जुलियस नीयरेरे | तंजानिया |
1970 | – | – |
1969 | प्रधानमंत्री, टॉड झिवकोव | बुल्गारिया |
1968 | प्रधानमंत्री, अलेक्सी कोसिजिन | सोवियत यूनियन |
राष्ट्रपति, जोसिप ब्रोज टीटो | यूगोस्लाविया | |
1967 | – | – |
1966 | – | – |
1965 | खाद्य एवं कृषि मंत्री, राना अब्दुल हामिद | पाकिस्तान |
1964 | – | – |
1963 | राजा, नोरोडोम सिहानोक | कंबोडिया |
1962 | – | – |
1961 | रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय | यूके |
1960 | राष्ट्रपति, क्लिमेंट वोरोशिलोव | सोवियत संघ |
1959 | – | – |
1958 | मार्शल ये जियानयिंग | चीन |
1957 | – | – |
1956 | – | – |
1955 | गर्वनर जनरल, मलिक गुलाम मोहम्मद | पाकिस्तान |
1954 | राजा, जिग्मे दोरजी वांगचुक | भूटान |
1953 | – | – |
1952 | – | – |
1951 | – | – |
1950 | राष्ट्रपति, सुकर्णो | इंडोनेशिया |
हमारा राष्ट्रगान
“जन गण मन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता! पंजाब सिंधु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंगा बिंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंगा तब शुभ नामें जागे तब शुभ आशीष माँगे, गाहे तब जयगाथा। जन गण मनअधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता! जय हे जय हे जय हे जय जय जय जय हे.....”
राष्ट्रगान जन गण मन का अर्थ
“सभी लोगों के मस्तिष्क के शासक, कला तुम हो, भारत की किस्मत बनाने वाले। तुम्हारा नाम पंजाब, सिन्ध, गुजरात और मराठों के दिलों के साथ ही बंगाल, ओड़िसा, और द्रविड़ों को भी उत्तेजित करता है, इसकी गूँज विन्ध्य और हिमालय के पहाड़ों में सुनाई देती है, गंगा और जमुना के संगीत में मिलती है और भारतीय समुद्र की लहरों द्वारा गुणगान किया जाता है। वो तुम्हारे आर्शीवाद के लिये प्रार्थना करते है और तुम्हारी प्रशंसा के गीत गाते है। तुम्हारे हाथों में ही सभी लोगों की सुरक्षा का इंतजार है, तुम भारत की किस्मत को बनाने वाले। जय हो जय हो जय हो तुम्हारी।”
राष्ट्रगान गाने के नियम
- राष्ट्रगान को गाने का समय 52 सेकण्ड निर्धारित है |
- इसे किसी भी उत्सव और औपचारिक राज्य के कार्यक्रम में गाया जा सकता है जब राष्ट्रपति, राज्यपाल, और उपराज्यपाल के समक्ष (सरकार और आमजन द्वारा आयोजित) परेड, राष्ट्रीय सलामी आदि संपन्न हो चुका हो।
- ये राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन के उपरान्त या पहले और राज्यपाल और उपराज्यपाल के आगमन पर गाया जा सकता है।
- जब नेवी में रंगों को फैलाया जाता हो और रेजीमेंट के रंगों की प्रस्तुति हो।
- जब किसी खास अवसर पर कोई खास निर्देश भारतीय सरकार द्वारा दिया गया हो। आमतौर पर ये प्रधानमंत्री के लिये नहीं गाया जाता जबकि कई बार ऐसा हो भी सकता है।
- जब ये किसी बैण्ड द्वारा गाया जाता है, राष्ट्रगान को ड्रम के द्वारा आगे रखना चाहिये या ड्रम के द्वारा 7 की धीमी गति से राष्ट्रीय सलामी संपन्न होने के बाद इसे गाया जाता है। पहला ड्रम धीमी गति से शुरु होना चाहिये और फिर इसके संभव उँचाई तक पहुँचने के बाद अपने सामान्य आवाज में जाना चाहिये।
- किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में झंडारोहण के बाद।
- स्कूलों में सुबह के समय दिन की शुरुआत से पहले।
- राष्ट्रगान के दौरान सभी लोगों को इसके सम्मान में खड़े हो जाना चाहिये।
Happy Republic Day शायरी
दूध मांगोंगे खीर दे देंगे, दूध मँगोगे खीर दे देगे कश्मीर मांगने की सोची न, भारत माता की कसम हर जगह से चीर देंगे|
भारत माता का बेटा हूँ हल्के में न लेना| भारत माता की तरफ गंदी नजर उठाने से पहले एक बार मुझसे जरूर मिल लेना।
ना सर झुका है कभी और ना झुकायेंगे कभी, जो अपने दम पे जियें सच में ज़िन्दगी है वही.
आन देश की शान देश की देश की हम संतान है तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहेचान है गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं .
खून से लिखी कहानी है भारत के इतिहास की, ये मेरी नहीं खुद भारत माता की जुबानी है, मेरी तो छोड़ ही दो, भारत की आजादी के पीछे न जाने कितनों की कुर्बानी है।
देश भक्तो के बलिदान से , स्वतनत्र हुए है हम .. कोई पूछे कौन हो , तो गर्व से कहेंगे . भारतीय है हम …
महान देशभक्तों के बलिदान से आजाद हुए हैं हम, इसलिए उनके सम्मान में आज इकट्ठा हुए हैं हम।
आजादी का जोश कभी काम न होने देंगे जब भी जरुरत पड़ेगी देश के लिए जान लूटा देंगे क्योंकि भारत हमारा देश है अब दोबारा इस पर कोई आंच न आने देंगे जय हिन्द
“ये बात हवाओ को बताये रखना, रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की… ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना !!
दुश्मन की गोलियों का हम करेंगे सामना, जो बुरी नजर रखे भारत पर, भारत माता की कसम उसका नामोनिशान है मिटाना।
अलग है भाषा, धर्म जात, और प्रांत, भेष, परिवेश, पर हम सब का एक ही गौरव है, राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेठ
तैरना है तो समंदर में तैरो नदी नालों में क्या रखा है, प्यार करना है तो वतन से करो इस बेवफ़ा लोगों में क्या रखा है गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं…
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा है, हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान; दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान; सब धर्मों को देकर मान रचा गया इतिहास; इसीलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास। गणतंत्र दिवस की बधाई !
Happy Republic Day Shayari
असली गणतंत्र तभी बनता है जब संविधान कागज से निकलकर आम लोंगो के जिंदगी में शामिल हो जाये। आओ कुछ ऐसा कर दिखाएँ कि सब को हम पर मान हो जाये। गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
वो फिर आया है नये सवेरे के साथ, मिल ज़ुल कर रहेंगे हम एक दूजे के साथ, वो तिरंगा कितना प्यारा है, वो है देखो सबसे प्यारा न्यारा, आने ना देंगे उस पे आंच, Happy Republic Day.
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान; दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान; सब धर्मों को देकर मान रचा गया इतिहास; इसीलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास
गणतंत्र दिवस से सम्बन्धित कुछ प्रश्न और उनके उत्तर
पहली बार गणतंत्र दिवस कब मनाया गया
26 जनवरी 1950 का दिन :- इस दिन हमारे देश का पहला गणतन्त्र दिवस मनाया गया|
हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते है?
26 जनवरी अर्थात गणतन्त्र दिवस (गणतंत्र दिवस) हमारा राष्ट्रीय पर्व है | 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागु हुआ था | इसलिए 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मानते है|
गणतंत्र दिवस का मतलब क्या होता है?
गणतंत्र दिवस हमारा राष्टीय त्यौहार है| गणतंत्र मतलब “गण ( लोग ) का तंत्र” अर्थात लोकतंत्र | 26 जनवरी 1950 भारत का संविधान लागू करके भारत को अंग्रेजो के कानूनों से मुक्ति दिलाकर भारत को एक लोकतांत्रिक देश घोषित किया गया |
राष्ट्रिय पर्व मतलब पुरे देश का त्यौहार अर्थात ऐसा त्यौहार जिसे सभी मानते है फिर चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लिम या फिर हो सिख-ईसाई हर भारतीय इसे दिल से मानता है |
गणतंत्र दिवस पर झंडा कौन पहराता है?
गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर तिरंगा हमारे राष्ट्रपति द्वारा पहराया जाता है जबकि स्वतंत्रता दिवस पर झन्डा हमारे देश के प्रधानमत्री पहराते है |
आजादी से पहले 26 जनवरी को किस रूप में मनाया जाता था ?
आजादी से पहले 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था उसके बाद आजादी के वास्तविक दिन अर्थात 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में अपनाया गया |
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
इस दिन हमारे देश का संविधान लागू किया गया और इस दिन से ही गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी के दिन मनाया जाने लगा |
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2022 के मुख्य अतिथि कौन हैं ?
भारत 2022 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पांच मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों को आमंत्रित करने की योजना बना रहा है
2022 में हम कौन सा गणतंत्र दिवस मना रहे हैं?
26 जनवरी 2022 को हम 73वाँ गणतंत्र दिवस मनाएंगे |