Subhash Chandra Bose Biography In Hindi

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सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा (Odisha) के कटक में हुआ था. उनके जन्म को नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के रूप में मना कर उन्हें याद किया जाता है साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि भी दी जाती है.

बात आजादी की हो और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नाम हम नहीं ले यह हो ही नहीं सकता | भारत को आजाद कराने में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की भूमिका काफी अहम थी| उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन कर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे| सुभाषचंद्र बोस युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत हैं| 

netaji statue : प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी ने दिनांक 21 जनवरी 2022 शुक्रवार को ऐलान किया है की इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति लगाई जाएगी।

ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा। जब तक नेताजी बोस की भव्य मूर्ति पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। मैं नेताजी की जयंती 23 जनवरी को होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा।

PM मोदी ने यह जानकरी ट्वीट करके दी

नेताजी की मूर्ति ( netaji statue ) के मुख्य बिन्दु

  • इंडिया गेट पर 6 दशक से खाली पड़ी एक छतरी में नेताजी की प्रतिमा लगाई जाएगी। इससे पहले इस छतरी पर किंग जॉर्ज V( king george v )की मूर्ति लगी थी, जिसे बाद में 1968 में हटा दिया गया था।
  • नेताजी की मूर्ति 28 फिट लम्बी और 6 फिट चौड़ी होगी |
  • इसका अनावरण PM मोदी 23 जनवरी 2022 को करेंगे |
  • इण्डिया गेट से 300 मीटर दूर एक छतरी के निचे यह प्रतिमा लगे जाएगी |
  • जब तक नेताजी की मूर्ति पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाती तब तक उस जगह पर नेताजी की एक होलोग्राम( 3D आभासी प्रतिमा) प्रतिमा उस स्थान पर दिखाई देगी |
  • 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्मदिन है |

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23 जनवरी को मनाया जाता है पराक्रम दिवस

भारत सरकार ने पिछले साल को ये घोषणा की थी कि हर साल 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को प्रराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके पीछे का मकसद था कि देश के लोग, खासतौर पर युवाओं के भीतर नेताजी की तरह ही विपरीत परिस्थितियों का सामना करने और उनमें देशभक्ति की भावना का संचार हो सके।

संस्कृति मंत्रालय ने बकायदा एक अधिसूचना जारी करते हुए लिखा था, ‘भारत के लोग नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष में इस महान राष्ट्र के लिए उनके अतुल्य योगदान को याद करते हैं। भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी 2021 से आरंभ करने का निर्णय लिया है, ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका सत्कार किया जा सके।’

पिछले कुछ साल में केंद्र ने राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व वाली कई प्रमुख तारीखों को मनाने का फैसला लिया है। इनमें से कुछ खास तारीखें हैं-

14 अगस्त: विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
31 अक्टूबर: राष्ट्रीय एकता दिवस (सरदार पटेल की जन्मतिथि)
15 नवंबर: जनजातीय गौरव दिवस (बिरसा मुंडा का जन्मदिन)
26 नवंबर: संविधान दिवस
26 दिसंबर: वीर बाल दिवस (4 साहिबजादों को श्रद्धांजलि)

Subhash Chandra Bose Biography In Hindi | नेताजी सुभाष चंद्र बोस Biography | famous quotes in Hindi

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, आजाद हिन्द फौज के संस्थापक और जय हिन्द का नारा देने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की 23 जनवरी 2022 को जयंती है. 

भारतमाता को गुलामी की जंजीर से आजाद कराने के लिए खुशी-खुशी अपना खून बहाने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के बारे में आइए जानते हैं विस्तार से…

आज़ाद हिन्द सरकार के 75 वर्ष पूर्ण होने पर इतिहास में पहली बार वर्ष 2018 में भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया। 23 जनवरी 2021 को नेताजी की 126वीं जयन्ती है|

भारत माता के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस (netaji subhas chandra bose) के जन्मदिन( netaji birthday ) को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है|

subhash chandra bose birthday

Subhash Chandra Bose Jayanti 2022

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जीवन परिचय

  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओड़िशा के कटक शहर में हुआ था।
  • उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था।
  • जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे।
  • नेताजी 14 भाई – बहिन थे |
  • नेताजी अपने माता-पिता की नौवी संतान और पांचवे बेटे थे।
  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की पत्नी का नाम एमिली शेंकल था |
  • नेताजी की बेटी का नाम अनीता बोस है |
  • नेताजी का विवाह 1937 में हुआ था लेकिन जनता को 1993 में उनके विवाह का पता चला था|
  • नेताजी पेशे से बाल चिकित्सक (बच्चों के डॉक्टर) थे|
  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्वामी विवेकानंद को अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे

नेताजी की शिक्षा

  1. नेताजी सम्पन्न परिवार से थे इसलिए इन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हुई थी।
  2. कटक के प्रोटेस्टेण्ट स्कूल से नेताजी की प्राइमरी शिक्षा पूर्ण हुई|
  3. 15 सितम्बर 1919 को लंदन गए और वहां कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन किया|
  4. उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से आई.सी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण की और योग्यता सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया|

आजाद हिन्द फौज का गठन ( azad hind fauj )

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिंद फौज या इंडियन नेशनल आर्मी (INA) का संघटन भारत को अंग्रेजों के कब्जे से स्वतंत्र कराने के लिये किया | इस फौज का गठन जापान में हुआ था. इसकी स्थापना भारत के एक क्रान्तिकारी नेता रासबिहारी बोस ने टोक्यो (जापान) में की थी|

 इस संगठन के प्रतीक चिह्न एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था|

कदम-कदम बढाए जा, खुशी के गीत गाए जा – इस संगठन का वह गीत था, जिसे गुनगुना कर संगठन के सेनानी जोश और उत्साह से भर उठते थे.

नेताजी के बारे में अन्य जानकारी

दिल्ली चलो का नारा दिया

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान आज़ाद हिन्द फौज ने जापानी सेना के सहयोग से भारत पर आक्रमण किया. अपनी फौज को प्रेरित करने के लिए नेताजी ने “दिल्ली चलो” का नारा दिया. दोनों फौजों ने अंग्रेजों से अंडमान और निकोबार द्वीप जीत लिए पर अंत में अंग्रेजों का पलड़ा भारी पड़ा और आजाद हिन्द फौज को पीछे हटना पड़ा.

गांधीजी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता कहा

6 जुलाई, 1944 को आजाद हिंद रेडियो पर अपने भाषण के माध्यम से गाँधीजी से बात करते हुए, नेताजी( nethaji ) ने जापान से सहायता लेने का अपना कारण और आज़ाद हिन्द फौज की स्थापना के उद्देश्य के बारे में बताया. इस भाषण के दौरान, नेताजी ने गांधीजी को राष्ट्रपिता बुलाकर अपनी जंग के लिए उनका आशिर्वाद मांगा. इस प्रकार, नेताजी ने गांधीजी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता बुलाया.

Subhash Chandra Bose Biography
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नेताजी का ऐतिहासिक भाषण

“स्वतंत्रता संग्राम के मेरे साथियो! स्वतंत्रता बलिदान चाहती है। आपने आज़ादी के लिए बहुत त्याग किया है, किन्तु अभी प्राणों की आहुति देना शेष है। आज़ादी को आज अपने शीश फूल की तरह चढ़ा देने वाले पुजारियों की आवश्यकता है। ऐसे नौजवानों की आवश्यकता है, जो अपना सिर काट कर स्वाधीनता की देवी को भेंट चढ़ा सकें। ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।’ खून भी एक दो बूँद नहीं इतना कि खून का एक महासागर तैयार हो जाये और उसमें में ब्रिटिश साम्राज्य को डूबो दूँ।”

रंगून के ‘जुबली हॉल’ में सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिया गया भाषण

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कब हुई थी?

ऐसा माना जाता है कि 18 अगस्त 1945 में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु ताईवान में हो गयी परंतु उसका दुर्घटना का कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। सुभाष चंद्र की मृत्यु आज भी विवाद का विषय है और भारतीय इतिहास सबसे बड़ा रहस्य है।

नेता सुभाष चंद्र बोस जी के बारे में रोचक तथ्य

  • वर्ष 1943 में ही आजाद हिंद बैंक ने 10 रुपए के सिक्के से लेकर 1 लाख रुपए के नोट जारी किए थे और एक लाख रुपए की नोट में नेता सुभाष चंद्र जी की तस्वीर भी छापी गई थी।
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने भारतीय सिविल परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया था, परंतु उन्होंने देश की आजादी को देखते हुए अपने इस आरामदायक नौकरी को भी छोड़ने का बड़ा फैसला लिया।
  • सुभाष चंद्र बोस जी को 1921 से लेकर 1941 के बीच में 11 बार देश के अलग-अलग कैदखाना में कैद किया गया था।
  • सुभाष चंद्र बोस जी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह जी को बचाना चाहते थे और उन्होंने गांधी जी से अंग्रेजों को किया हुआ वादा तोड़ने के लिए भी कहा था, परंतु वे अपने उद्देश्य में नाकाम रहे।
  • नेता सुभाष चंद्र बोस जी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में दो बार अध्यक्ष के लिए चुना गया था।
  • नेताजी को जलियांवाला बाग हत्याकांड के दिल दहला देने वाले दृश्य ने काफी ज्यादा विचलित कर दिया और फ़िर भारत की आजादी संग्राम में खुद को जोड़ने से रोक ना सके।
  • वर्ष 1943 में बर्लिन में नेताजी ने आजाद हिंद रेडियो और फ्री इंडिया सेंट्रल से सकुशल स्थापना की।
  • नेता जी ने ही महात्मा गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया था।
  • नेता सुभाष चंद्र बोस जी की मृत्यु आज तक रहस्यमई बनी है और इस पर से आज तक कोई भी पर्दा नहीं उठ सका है और यहां तक कि भारत सरकार भी इस विषय पर कोई भी चर्चा नहीं करना चाहती है।
  • वर्ष 1942 में नेता सुभाष चंद्र बोस जी हिटलर के पास गए और भारत को आजाद करने का प्रस्ताव उसके सामने रखा, परंतु भारत को आजाद करने के लिए हिटलर का कोई दिलचस्पी नहीं था और उसने नेताजी को कोई भी स्पष्ट वचन नहीं दिया था।

सुभाष चंद्र बोस के नारे Netaji Subhash Chandra Bose Quotes in Hindi

Netaji Subhash Chandra Bose Quotes in Hindi
netaji jayanti

#तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

#दिल्ली की सड़क स्वतंत्रता की सड़क है। दिल्ली चलो।

#राजनीतिक सौदेबाजी की कूटनीति यह है कि आप जो भी हैं, उससे ज्यादा शक्तिशाली दिखें।

#केवल रक्त ही आज़ादी की कीमत चुका सकता है।

#आज़ादी मांगने से नहीं, छीनने से मिलेगी।

#केवल पूर्ण राष्ट्रवाद, पूर्ण न्याय और निष्पक्षता के आधार पर ही भारतीय सेना का निर्माण किया जा सकता है।

#ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।

#गुलाम लोगों के लिए आज़ादी की सेना में पहला सैनिक होने से बड़ा कोई गौरव, कोई सम्मान नहीं हो सकता है।

#मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश की प्रमुख समस्याओं जैसे गरीबी, अशिक्षा, बीमारी, कुशल उत्पादन एवं वितरण का समाधान सिर्फ समाजवादी तरीके से ही किया जा सकता है।

#आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए – मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके। एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो सके।

#मुझे यह नहीं मालूम कि स्वतंत्रता के इस युद्ध में हम में से कौन कौन जीवित बचेंगे। परन्तु मैं यह जानता हूँ कि अंत में विजय हमारी ही होगी।

#शाश्वत नियम याद रखें -: यदि आप कुछ पाना चाहते हैं, तो आपको कुछ देना होगा।

#राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य, शिव और सुन्दर से प्रेरित है।

# व्यर्थ की बातों में समय खोना मुझे जरा भी अच्छा नहीं लगता।

#यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े, तब वीरों की भांति झुकना।

# भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी सृजनात्मक शक्ति का संचार किया है जो सदियों से लोगों के अन्दर सुसुप्त पड़ी थी।

#संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया है। मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले नहीं था।

# समझौता परस्ती सबसे बड़ी अपवित्र वस्तु है।

#मुझ में जन्मजात प्रतिभा तो नहीं थी, परन्तु कठोर परिश्रम से बचने की प्रवृति मुझ में कभी नहीं रही।

# हम संघर्षों और उनके समाधानों द्वारा ही आगे बढ़ते हैं।

#जीवन में प्रगति का आशय यह है कि शंका संदेह उठते रहें और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे।

#श्रद्धा की कमी ही सारे कष्टों और दुखों की जड़ है।

#इतना तो आप भी मानेंगे कि एक न एक दिन तो मैं जेल से अवश्य मुक्त हो जाऊँगा, क्योंकि प्रत्येक दुःख का अंत होना अवश्यम्भावी है।

#मैं संकट एवं विपदाओं से भयभीत नहीं होता। संकटपूर्ण दिन आने पर भी मैं भागूँगा नहीं, वरन आगे बढकर कष्टों को सहन करूँगा।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अनमोल वचन Netaji subhash chandra bose slogan in hindi

#हमें अधीर नहीं होना चहिये। न ही यह आशा करनी चाहिए कि जिस प्रश्न का उत्तर खोजने में न जाने कितने ही लोगों ने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया, उसका उत्तर हमें एक-दो दिन में प्राप्त हो जाएगा।

#असफलताएं कभी-कभी सफलता की स्तम्भ होती हैं।

#समय से पूर्व की परिपक्वता अच्छी नहीं होती, चाहे वह किसी वृक्ष की हो, या व्यक्ति की। उसकी हानि आगे चल कर भुगतनी ही होती है।

#जहाँ शहद का अभाव हो वहां गुड़ से ही शहद का कार्य निकालना चाहिए।

#सुबह से पहले अँधेरी घडी अवश्य आती है। बहादुर बनो और संघर्ष जारी रखो ,क्योंकि स्वतंत्रता निकट है।

#एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार व्यक्तियों के जीवन में खुद को अवतार ले लेता है।

#जो भी तुम कुछ करते हो यह तुम्हारा कर्म है। इसमें किसी भी प्रकार का कोई बंटवारा नही होता है। इसका फल भी तुम्हे ही भोगना होता है।

#सफल होने के लिए आपको अकेले चलना होगा। लोग तो तब आपके साथ आते हैं जब आप सफल हो जाते हैं।

#अच्छे विचारों से कमजोरियां दूर होती हैं, हमें हमेशा अपनी आत्मा को उच्च विचारों से प्रेरित करते रहना चाहिए।

#अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत हमेशा घातक होती है।

#एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है।

#आजादी मिलती नहीं, बल्कि इसे छीनना पड़ता है।

#जीवन के हर पल में आशा की कोई ना कोई किरण जरुर आती है जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

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सामान्यत: पूछे जाने वाले प्रश्न :-

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओड़िशा के कटक शहर में हुआ था।

सुभाष चंद्र बोस के माता पिता का क्या नाम था?

उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती बोस था।

सुभाष चंद्र बोस की पत्नी का क्या नाम था?

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की पत्नी का नाम एमिली शेंकल था |

सुभाष चंद्र बोस की बेटी का नाम क्या है ?

नेताजी की बेटी का नाम अनीता बोस है |

सुभाष चंद्र बोस का नारा क्या था?

`नेताजी ने नौजवानों में आजादी का जोश भरने के लिए ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ जैसा चिरकाल तक अमर रहने वाला नारा दिया।

आजाद हिन्द फौज के संस्थापक कौन थे ?

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिंद फौज या इंडियन नेशनल आर्मी (INA) का संघटन भारत को अंग्रेजों के कब्जे से स्वतंत्र कराने के लिये किया |

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